


हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार को हुए एक भीषण भूस्खलन ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। झंडूता उपमंडल के बालूघाट (भल्लू पुल) के पास पहाड़ी से निकला भारी मलबा यात्रियों से भरी एक प्राइवेट बस पर गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 से 20 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया और मृतकों व घायलों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुए हादसे में जान-माल की हानि से दुखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बिलासपुर के बालूघाट (भल्लू पुल) के पास हुए भूस्खलन की खबर ने मन को झकझोर दिया है। एक प्राइवेट बस के मलबे में दबने से 10 लोगों की मृत्यु हुई है और कई अन्य के फंसे होने की आशंका है।” उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है और अधिकारियों को पूरी मशीनरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि वे स्वयं स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और हर पल की जानकारी ले रहे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 13 लोगों की मौत हुई थी। लगातार पहाड़ी राज्यों में हो रही ऐसी प्राकृतिक आपदाएं सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं।